नई दिल्ली 2025-11-18
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब जंगली जानवरों के हमलों और धान की फसल के जलप्लावन से होने वाले फसल नुकसान को भी शामिल किया जाएगा। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया कि जंगली जानवरों के हमले से होने वाले फसल नुकसान को अब स्थानीयकृत जोखिम श्रेणी के अंतर्गत पाँचवें अतिरिक्त कवर के रूप में मान्यता दी जाएगी।
वहीं, धान की फसल के जलप्लावन को स्थानीयकृत आपदा के अंतर्गत पुनः शामिल किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि राज्य फसल क्षति के लिए ज़िम्मेदार जंगली जानवरों की सूची अधिसूचित करेंगे। साथ ही ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर संवेदनशील ज़िलों या बीमा इकाइयों की पहचान करेंगे। इसमें कहा गया है कि किसानों को 72 घंटों के भीतर फसल बीमा ऐप का उपयोग करके जियोटैग की गई तस्वीरें अपलोड करके नुकसान की सूचना देनी होगी। यह निर्णय खरीफ 2026 से लागू होगा।
इससे उन राज्यों के किसानों को काफ़ी लाभ होने की उम्मीद है जहाँ मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति ज़्यादा है। इन राज्यों में ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड के साथ-साथ हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्य जैसे असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।