13 जनवरी 2000 से प्रकाशित

राष्ट्रपति मुर्मु ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए; जल संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए रायपुर जिला देश में अव्वल

रायपुर 2025-11-18

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार और जल संचय–जनभागीदारी पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रायपुर जिला और रायपुर नगर निगम को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुआ। रायपुर नगर निगम को पूरे देश में प्रथम स्थान, रायपुर जिले को ईस्टर्न जोन में तृतीय स्थान, तथा राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को द्वितीय स्थान हासिल हुआ।

राष्ट्रपति मुर्मु ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मानव सभ्यता की कहानी सदैव नदियों और जल स्रोतों के इर्द-गिर्द विकसित हुई है। भारतीय परंपरा में जल पूजनीय माना जाता है और हमारे राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का पहला शब्द “सुजलम्” देश में जल की सर्वोच्च प्राथमिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जल का कुशल उपयोग केवल राष्ट्रीय नहीं बल्कि वैश्विक अनिवार्यता है, विशेषकर भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में जहाँ प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता सीमित है। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन जल चक्र को प्रभावित कर रहा है, इसलिए सरकार और जनता को मिलकर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने बताया कि जल संचय–जनभागीदारी पहल के तहत देशभर में 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाएं निर्मित की गई हैं। उन्होंने उद्योगों द्वारा चक्रीय जल अर्थव्यवस्था अपनाने, जल उपचार एवं पुनर्चक्रण बढ़ाने और कई इकाइयों द्वारा शून्य द्रव उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की सराहना की।

रायपुर की ऐतिहासिक उपलब्धि

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशन में रायपुर जिले ने जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दिया। पुरस्कार कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह तथा नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप ने ग्रहण किया। रायपुर नगर निगम ने 33,082, रायपुर जिले ने 36,282 तथा छत्तीसगढ़ ने 4,05,563 जल संरक्षण कार्य पूर्ण किए। इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज पिट्स, अमृत सरोवर, टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट के अंतर्गत डिजिटल भू-जल ट्रैकिंग सिस्टम शामिल हैं। साथ ही रायपुर में 4 एसटीपी के माध्यम से 206 MLD क्षमता विकसित की गई और 9 औद्योगिक इकाइयों को 125.849 MLD शुद्ध जल उपलब्ध कराया गया।

राष्ट्रपति ने कहा कि जल का सम्मान और संरक्षण प्रत्येक नागरिक की जीवनशैली का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने जल-जागरूकता को देश की जनचेतना का केंद्र बनाने का आह्वान किया।