13 जनवरी 2000 से प्रकाशित

एनआईटी रायपुर और विकास तरंगिणी द्वारा नि:शुल्क महिला स्वास्थ्य जागरूकता एवं जांच शिविर आयोजित

रायपुर 2025-07-26

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर एवं सामाजिक संस्था विकास तरंगिणी, छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य जागरूकता एवं जांच शिविर का आयोजन शनिवार को संस्थान परिसर में किया गया। शिविर का उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना एवं विशेष रूप से सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों की जांच व परामर्श की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया, जबकि अध्यक्षता शदानी दरबार तीर्थ के पीठाधीश्वर पूज्य संत डॉ. युधिष्ठिर लाल जी महाराज ने की। इस अवसर पर आंध्र एसोसिएशन के चेयरमैन श्री जी. स्वामी, एनआईटी रायपुर के डीन (योजना एवं विकास) डॉ. जी.डी. रामटेक्कर, रजिस्ट्रार डॉ. एन.डी. लोंढे, संस्थान के शिक्षक एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम्, दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों के स्वागत से हुई। डॉ. शुभा कोसले ने सभी का स्वागत करते हुए शिविर को शिक्षा और स्वास्थ्य के बीच सेतु बताया। पूज्य डॉ. युधिष्ठिर लाल जी ने शिक्षा और सेवा को समाज कल्याण का आधार बताया और कहा कि महिला स्वास्थ्य समाज की समग्र उन्नति से जुड़ा विषय है। डॉ. अर्पिता नागदेव ने महिलाओं में बढ़ते कैंसर मामलों पर चिंता जताते हुए समय पर जांच, वैक्सीनेशन और जागरूकता को आवश्यक बताया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि बदलती जीवनशैली और पारंपरिक मूल्यों से विमुखता के कारण बीमारियाँ बढ़ रही हैं। उन्होंने योग और प्राकृतिक जीवनशैली अपनाने की सलाह दी तथा समाज से बीमारियों के खिलाफ सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया।
श्री श्री त्रिदंडी श्रीमन नारायण चिन्ना जीयर स्वामी जी का संदेश डॉ. अनुज शुक्ला द्वारा पढ़ा गया, जिसमें महिलाओं को परिवार की धुरी बताया गया और उनके स्वास्थ्य की रक्षा को समाज की जिम्मेदारी कहा गया। उन्होंने बताया कि विकास तरंगिणी वर्ष 2007 से अब तक 4 लाख से अधिक महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा दे चुकी है।
श्री जी. स्वामी ने इस शिविर को छत्तीसगढ़ के लिए वरदान बताया, वहीं डॉ. रामटेक्कर ने स्वास्थ्य को जीवन की पहली प्राथमिकता बताया। श्रीमती कंचन सिंह ने महिला सशक्तिकरण में स्वास्थ्य को मूल आधार बताया।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए और डॉ. दिलीप सिंह सिसोदिया ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के पश्चात आयोजित जांच शिविर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया, जिसमें उन्हें नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, परामर्श और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं। यह शिविर महिलाओं के स्वास्थ्य सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।