13 जनवरी 2000 से प्रकाशित

एनआईटी रायपुर में गणितीय मॉडलिंग व मशीन लर्निंग पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

रायपुर 2025-11-21

 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने एक बार फिर राज्य की अकादमिक उत्कृष्टता को राष्ट्रीय मंच पर मजबूत किया है। गणित विभाग द्वारा कंटिन्यूइंग एजुकेशन सेल (CEC) के सहयोग से 17–21 नवंबर, 2025 तक आयोजित एक सप्ताह के ऑनलाइन लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम “नॉलेज डिस्कवरी थ्रू मैथमेटिकल मॉडलिंग, रफ सेट्स एंड मशीन लर्निंग (KDMRM-2025)” का समापन आज हुआ। इस प्रशिक्षण में देशभर के 56 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें छत्तीसगढ़ के कई शिक्षण संस्थानों के शिक्षक और शोधार्थी भी शामिल थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजेश कुमार पांडे, प्रोफेसर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी रहे, जबकि समारोह की अध्यक्षता डॉ. आर. के. त्रिपाठी, निदेशक (प्रभारी), एनआईटी रायपुर ने की। समापन कार्यक्रम में डॉ. सुभोजित घोष, चेयरमैन, CEC, और डॉ. नरेंद्र डी. लोंढे, रजिस्ट्रार, एनआईटी रायपुर भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के संचालन में डॉ. अनुप कुमार शर्मा, डॉ. शारदा नंदन राव और डॉ. अरविंद कुमार सिन्हा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

समारोह के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा प्रणाली अब उभरती प्रौद्योगिकियों—विशेषकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग और गणितीय मॉडलिंग—में अग्रणी भूमिका निभा रही है। एनआईटी रायपुर के गणित विभाग द्वारा आयोजित यह राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के विज्ञान एवं शोध क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

डॉ. सुजीत कुमार सामंता, विभागाध्यक्ष, गणित विभाग, एनआईटी रायपुर ने कहा कि प्रदेश की युवा वैज्ञानिक और शैक्षणिक ऊर्जा अब देशभर में पहचानी जा रही है और इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को और मजबूत बनाते हैं।

डॉ. लोंढे ने कहा कि “रफ सेट सिद्धांत जैसे विषय बड़े डेटा सेटों में अनिश्चितता को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और एनआईटी रायपुर ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगातार योगदान देकर राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की पहचान मजबूत कर रहा है।”

मुख्य अतिथि डॉ. पांडे ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीखने का वास्तविक मूल्य तभी प्राप्त होता है जब ज्ञान को आत्मसात कर वास्तविक समस्याओं में लागू किया जाए।

निदेशक (प्रभारी) डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि “देशभर के संस्थानों में गणितीय मॉडलिंग और एआई की मांग तेजी से बढ़ रही है। एनआईटी रायपुर द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक परिदृश्य में भी नई दिशा स्थापित करता है।”

समापन में डॉ. अनुप कुमार शर्मा ने सभी प्रतिभागियों, विशेषज्ञों और आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।