रायपुर 2025-11-08
भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर (आईआईएम रायपुर) में आज “लोग, उद्देश्य और संभावनाएँ” विषय पर 9वें मानव संसाधन (एच.आर.) शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर लाकर मानव संसाधन के बदलते आयामों पर चर्चा करना था।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (एन.पी.एस. ट्रस्ट) की मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुश्री सुपर्णा टंडन मुख्य अतिथि और किन्द्रिल की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुश्री रजिता सिंह विशिष्ट अतिथि रहीं। उद्घाटन सत्र में प्रो. मोहित गोस्वामी, अध्यक्ष – कॉरपोरेट संबंध एवं प्लेसमेंट, ने कहा कि किसी संगठन की असली शक्ति उसके लोग होते हैं, जो उसे उद्देश्य और पहचान प्रदान करते हैं। निदेशक-प्रभार प्रो. संजीव पराशर ने संस्कृति, क्षमता और अंतःकरण को संगठनात्मक उत्कृष्टता के तीन प्रमुख स्तंभ बताते हुए पुनःकौशल विकास और निष्ठावान नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य अतिथि सुश्री टंडन ने कहा कि आज के अनिश्चित वातावरण में मानव संसाधन की भूमिका पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा, “मानव संसाधन अब केवल सहायक कार्य नहीं, बल्कि संगठन की रणनीतिक शक्ति है।” उन्होंने विविधता, समानता, विश्वास और सशक्तिकरण की संस्कृति को संगठन की दीर्घकालिक सफलता का आधार बताया।
शिखर सम्मेलन के दौरान तीन पैनल चर्चाएँ आयोजित हुईं। पहला पैनल “नेतृत्व पुनर्परिभाषित: चपल, नैतिक और मानव-केंद्रित नेतृत्व का निर्माण” विषय पर था, जिसमें उद्योग विशेषज्ञों ने परिवर्तन प्रबंधन और सहानुभूति आधारित नेतृत्व की आवश्यकता पर चर्चा की।
दूसरे पैनल “अंतःकरण के साथ नेतृत्व: आधुनिक कार्यस्थल के लिए कॉर्पोरेट नैतिकता का पुनर्परिभाषण” में वक्ताओं ने नैतिक नेतृत्व और उत्तरदायित्व को संगठनात्मक संस्कृति का अभिन्न अंग बनाने पर बल दिया।
तीसरे पैनल “कृत्रिम बुद्धिमत्ता और स्वचालन के युग में प्रतिभा प्रबंधन” में तकनीकी बदलावों के बीच मानवीय निर्णय और रचनात्मकता की अपरिहार्यता पर विचार साझा किए गए।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस का समापन विचारोत्तेजक संवादों के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने इसे मानव संसाधन प्रबंधन के भविष्य की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल बताया।