रायपुर 2025-11-06
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के ट्यूरिंग क्लब ऑफ प्रोग्रामर्स (टीसीपी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के कोडिंग हैकथॉन ‘कोडउत्सव 9.0’ का शुभारंभ उत्साहपूर्वक हुआ। 28 घंटे चलने वाले इस हैकथॉन में देशभर के विभिन्न तकनीकी संस्थानों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार, समस्या समाधान की क्षमता और टीम वर्क की भावना को बढ़ावा देना है।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव और विशेष अतिथि के रूप में सत्युक्त एनालिटिक्स कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं संस्थापक डॉ. सतकुमार तोमर उपस्थित रहे। इस अवसर पर स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डॉ. मनोज चोपकर, कैरियर डेवलपमेंट सेंटर के प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी, ट्यूरिंग क्लब ऑफ प्रोग्रामर्स के फैकल्टी इंचार्ज डॉ. पवन कुमार मिश्रा, अन्य फैकल्टी सदस्य और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
डॉ. समीर बाजपेयी ने स्वागत भाषण में कहा कि कोडिंग केवल विशेषज्ञों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हर इंजीनियरिंग छात्र को इसे सीखना चाहिए ताकि वे अपने क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं का समाधान कर सकें। उन्होंने कहा कि कोडिंग तार्किक सोच और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करती है, जिससे विद्यार्थी तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनते हैं।
डॉ. सतकुमार तोमर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कोडिंग प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य समाज की जमीनी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं को समझने और तकनीकी ज्ञान से समाज में परिवर्तन लाने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तकें व्यक्ति की सोच को गहराई और नई दृष्टि प्रदान करती हैं।
निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने कहा कि हैकथॉन जैसी प्रतियोगिताएँ छात्रों में सृजनात्मक सोच और सीमित समय में निर्णय लेने की क्षमता विकसित करती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में टीम वर्क, संवाद कौशल और आत्मविश्वास को सशक्त बनाते हैं तथा उन्हें कक्षा से बाहर सीखने का अवसर प्रदान करते हैं।
इस वर्ष ‘कोडउत्सव 9.0’ का थीम ‘कोड कार्निवल’ रखा गया है, जो रचनात्मकता, तकनीकी नवाचार और टीम भावना के उत्सव का प्रतीक है। यह प्रतियोगिता सेंट्रल कंप्यूटिंग सेंटर (सीसीसी) में दो दिनों तक आयोजित की जा रही है। देशभर के विभिन्न तकनीकी संस्थानों से 150 से अधिक प्रतिभागियों की 40 से ज्यादा टीमों ने इसमें भाग लिया है। प्रतिभागियों को पाँच वास्तविक जीवन आधारित समस्या विवरणों पर नवाचारी समाधान प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए ‘ओपन इनोवेशन’ श्रेणी रखी गई है, जिसमें वे अपने स्वयं के विचारों पर प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं।
प्रतिभागी टीमों में ‘कोडब्लडेड’ और ‘निर सूत्र’ विशेष रूप से उल्लेखनीय रहीं। ‘कोडब्लडेड’ टीम ने ‘स्किनएलाइज’ नामक मशीन लर्निंग आधारित ऑफलाइन डर्मेटोलॉजी असिस्टेंट विकसित किया, जो त्वचा रोगों की पहचान और उपचार प्रक्रिया को अधिक सटीक बनाता है। वहीं ‘निर सूत्र’ टीम ने बहुभाषी स्पीच-टू-टेक्स्ट कनवर्टर तैयार किया, जो श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए डिजिटल संवाद को अधिक सुलभ बनाता है। इस प्रोजेक्ट में पाइथन, जावास्क्रिप्ट, नोड, रिएक्ट, फास्ट एपीआई और मशीन लर्निंग मॉडल जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया।
‘कोडउत्सव 9.0’ का यह नवां संस्करण नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर युवाओं को वास्तविक समस्याओं पर काम करने, टीम भावना विकसित करने और तकनीकी ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करने की दिशा में प्रेरित कर रहा है।