13 जनवरी 2000 से प्रकाशित

मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में प्रधानमंत्री श्री मोदी ‘विशिष्‍ट अतिथि’ के रूप में आमंत्रित

नई दिल्ली 2025-07-24

मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू के नवंबर 2023 में पदभार ग्रहण करने के बाद से प्रधानमंत्री की मालदीव की यह पहली राजकीय यात्रा होगी। राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने राष्ट्रपति के अपने कार्यकाल में मालदीव की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था। उन्होंने 26 जुलाई 2025 को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में प्रधानमंत्री को ‘विशिष्‍ट अतिथि’ के रूप में आमंत्रित किया है। 2025 भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ भी है।   

अब तक दोनों नेताओं की तीन बार भेंट हो चुकी है – दिसंबर 2023 में दुबई में सीओपी 28 के दौरान, जून 2024 में केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान और अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान।

अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान, भारत और मालदीव ने व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक संयुक्त विज़न को अंगीकार किया। उनकी इसी यात्रा के दौरान पीडीएम ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के मालदीव का महत्वपूर्ण साझेदार होने की पुष्टि की थी। इस संयुक्त विज़न के कार्यान्वयन की प्रगति पर नजर रखने के लिए एक उच्च-स्तरीय कोर समूह (एचएलसीजी) का गठन किया गया। एचएलसीजी की दो बैठकें क्रमशः जनवरी और मई 2025 में माले और दिल्ली में हो चुकी हैं।

तब से, विशेष रूप से 2025 में, मालदीव की ओर से भारत की नियमित राजनीतिक यात्राएँ होती रही हैं, जिनमें वित्त, विदेश, रक्षा, पर्यावरण, सूचना एवं कला, स्वास्थ्य मंत्रियों आदि की यात्रा के साथ-साथ मालदीवियन मजलिस के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल का दौरा भी शामिल रहा है। भारत की ओर से, विदेश मंत्री ने अगस्त 2024 में मालदीव की यात्रा की थी। 

भारत ऋण, अनुदान, क्रेता ऋण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से मालदीव के सबसे बड़े विकास साझेदारों में से एक है। 2024 में, भारत ने 400 मिलियन डॉलर + 3,000 करोड़ रुपये की करेंसी स्‍वैप लाइन्‍स, 100 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिलों के ब्याज-मुक्त रोल-ओवर आदि के माध्यम से आपात वित्तीय सहायता के जरिए  मालदीव को सहायता प्रदान की थी।  2025 में, भारत और मालदीव ने एचआईसीडीपी के चरण-III के तहत मालदीव में नौका सेवाओं के विस्तार पर 100 मिलियन एमवीआर की अनुदान सहायता के साथ 13 समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए।

भारत, मालदीव के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जिसका व्यापार मूल्य 548 मिलियन डॉलर से अधिक है। भारतीयों ने मालदीव को केवल एक आकर्षक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि निवेश के लिए भी आकर्षक माना है, क्योंकि भारत के अनेक प्रमुख नामों ने पर्यटन क्षेत्र और अन्य आर्थिक गतिविधियों में निवेश किया है।

भारत का रक्षा और सुरक्षा सहयोग मज़बूत है, जिसके तहत सशस्त्र बलों के बीच नियमित अभ्यास, क्षमता निर्माण, उपकरणों, विमानन परिसंपत्तियों और जहाजों के प्रावधान और रखरखाव के साथ-साथ उनकी सेना का प्रशिक्षण शामिल है। हम कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों ही तंत्रों में घनिष्ठ सहयोग करते हैं। 

आगामी वीवीआईपी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मालदीव के नेतृत्व से मिलेंगे और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों नेता ‘व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के संयुक्त विज़न की प्रगति का भी जायजा लेंगे।

इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों/समझौतों पर हस्ताक्षर और भारत द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकास सहयोग परियोजनाओं और पहलों का उद्घाटन/हस्तांतरण भी होगा।

प्रधानमंत्री की मालदीव की राजकीय यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है। मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और 'महासागर' विजन में विशेष स्थान रखता है।