नई दिल्ली 2025-04-25
इसरो के पूर्व अध्यक्ष और भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख निर्माता डॉ. के. कस्तूरीरंगन का आज सुबह बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे।
इसरो के अध्यक्ष के रूप में डॉ. कस्तूरीरंगन ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारत का सबसे विश्वसनीय उपग्रह प्रक्षेपक बन गया। 27 अगस्त, 2003 को पद छोड़ने से पहले उन्होंने नौ वर्षों से अधिक समय तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
डॉ. कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और बेंगलुरु में राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान के निदेशक थे, जहाँ उन्होंने अनुसंधान और शिक्षा का समर्थन किया। वे 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
रविवार को सुबह दस बजे से दोपहर बारह बजे तक बेंगलुरु में प्रसिद्ध वैज्ञानिक को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए जनता के लिए व्यवस्था की जा रही है।