13 जनवरी 2000 से प्रकाशित

Finance Bill 2025 passed in Lok Sabha, no tax on income up to Rs 12 lakh

2025-03-25

लोकसभा ने वित्त विधेयक, 2025 पारित कर दिया है। विधेयक का उद्देश्य वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी बनाना है।

वित्‍त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि विधेयक में करदाताओं को सम्मान देने और कारोबारी सुगमता के लिए करों में राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। श्रीमती सीतारामन ने घोषणा की कि नए आयकर विधेयक पर अगले मानसून सत्र में चर्चा होने की संभावना है।

 वित्‍त मंत्री ने कहा कि देश के लोगों की अपेक्षा और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्‍त करने के लिए वित्त विधेयक में कई उपाय किए गए हैं। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सीमा शुल्क से संबंधित विधेयक का उद्देश्य शुल्‍क संरचना को युक्तिसंगत बनाना है। उन्होंने कहा कि इससे विनिर्माण इकाइयों को मदद और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 का उद्देश्य कच्चे माल पर शुल्क कम करके घरेलू उत्पादन और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रोत्‍साहन देना है। उन्‍होंने बताया कि वित्त विधेयक में औद्योगिक वस्तुओं के लिए सात सीमा शुल्क दरों को हटाने का भी प्रस्ताव है।

निर्मला सीतारामन ने कहा कि वित्त विधेयक में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 35 उत्पादों को छूट प्राप्त शुल्क सूची में शामिल करने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा मोबाइल फोन बैटरी के निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को छूट प्राप्त शुल्क सूची में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस की एस जोथिमणि ने देश में बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आयकर छूट से केवल एक करोड़ लोगों को लाभ होगा। भाजपा के जगदम्बिका पाल ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इससे पहले, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से संबंधित धनराशि जारी न किए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में विरोध प्रदर्शन हुआ और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।