13 जनवरी 2000 से प्रकाशित

2025-03-12

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज द्रविड़ मुनेत्र कड़गम-डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार पर पीएम-श्री स्कूलों की स्थापना के बारे में संसद में झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

श्री प्रधान ने सोशल मीडिया पोस्ट में तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा विभाग का सहमति पत्र साझा किया। उन्होंने कहा कि डीएमके सांसदों और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उन पर पीएम-श्री स्कूलों की स्थापना के लिए तमिलनाडु की सहमति के बारे में संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने डीएमके पर ध्यान भटकाने के लिए भाषा के मुद्दे को इस्तेमाल करने और तथ्यों को नकारने का आरोप लगाया।

    श्री प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर डीएमके के बदले रुख पर भी प्रश्न उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन से तमिलनाडु के बच्चों के हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने डीएमके पर तमिल भाषा को संरक्षित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने तमिल साहित्य और उसके साहित्यिक प्रतीकों को बढ़ावा देने तथा उनकी रक्षा के लिए बहुत कम काम किया है।

श्री प्रधान ने आरोप लगाया कि डीएमके तमिल गौरव, भाषा और संस्कृति के संरक्षण को लेकर चिंतित नहीं है, बल्कि उसका ध्यान राजनीतिक लाभ उठाने पर है।