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राजू (बदला हुआ नाम), आयु 18 वर्ष, को सामान्य रूप से चलते हुए भी सांस लेने में तकलीफ होती थी और वह थकान महसूस करता था। साल 2017 में उसे सीने में दर्द के कारण दिल की गंभीर बिमारी से पीडि़त होने के बारे में पता चला। इलाज की अंतहीन जद्दोजहद में उसके पिता ने परिवार के मवेशी और जमीन तक बेच डाली और पांच लाख रुपये से अधिक रकम के कर्ज में डूब गए। साल 2019 में, उन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएमजेएवाई) की ओर से एक पत्र मिला,लेकिन उन्होंने इसको ज्यादा अहमियत नहीं दी। साल 2022 में, राजू की हालत बिगड़ गई, जिसके लिए फौरन सर्जरी करने की आवश्यकता थी। वे हताश और बेबस हो चुके थे। तभी अस्पताल के एक कर्मचारी ने उनके परिवार को पीएमजेएवाई के बारे में पता करने की सलाह दी और उनकी पात्रता की पुष्टि की। इसकी बदौलत राजू की लगभग 1.83 लाख रुपये की लागत वाली जीवन रक्षक सर्जरी संभव हो सकी । आखिरकार, 67 दिन बाद उसे नए सिरे से जिंदगी शुरु करने के लिए अस्पताल से छुट्टी दे मिल गई।
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एक दशक पहले तक भारतीय पर्यटन को पर्यटन क्षेत्र में अन्य देशों के समकक्ष या उनसे आगे स्थापित करने के लिए भी एक ब्रांड एम्बेसडर की जरूरत सामान्य बात थी । जिस तरह अन्य देश अपने देश के पर्यटन के प्रचार-प्रसार हेतु सुविख्यात फिल्मी सितारों और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिए विज्ञापन राशि खर्च कर रहे थे ठीक उसी तरह यहाँ भी यह महसूस किया गया कि अतुल्य भारत को एक नया रूप दिए जाने की आवश्यकता है ।
पिछले एक दशक में और पिछले 100 दिनों से भारत के केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के रूप में कार्य करते हुए मैंने सभी को यह कहते सुना है कि इस देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि हमारे बीच एक ऐसे नेता हैं जो न केवल हमारे प्रधानमंत्री हैं बल्कि वे अतुल्य भारत के सबसे बड़े वैश्विक ब्रांड एम्बेसडर और हिमायती हैं । अपनी हर भूमिका में, वे भारत की बेहतरी के लिए काम करते हैं । मैं यह देखकर अत्यंत विस्मित और प्रेरित होता हूँ कि माननीय प्रधानमंत्री सदैव पर्यटन को अत्यंत महत्व देते हैं ।
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हमारे देश की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक प्रकाश-पुंज की तरह है, जो विकसित भारत की दिशा में हमारे द्वारा उठाए जा रहे कदमों के रूप में प्रतिबिम्बित होता है। अब यह क्षेत्र केवल अर्थव्यवस्था में योगदानकर्ता भर नहीं रह गया है, बल्कि तेजी से भारत की विकास गाथा का आधार बनता जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में नीतियों, पहलों और बुनियादी ढांचे के विकास के बेहतरीन मिश्रण ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, जिससे यह वैश्विक मंच पर एक मजबूत ताकत बनकर उभरा है। वर्तमान में भारत 3.7 ट्रिलियन डॉलर वाली समृद्ध अर्थव्यवस्था होने का दावा करता है, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2047 में देश की स्वतंत्रता की शताब्दी तक 30-35 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनना है।
भारत में हो रहे बदलावों के मूल में इसकी समृद्ध कृषि-जलवायु विविधता है, जो हमारे किसानों को विभिन्न प्रकार की विशिष्ट फसलें उगाने में सक्षम बनाती है। दालें, मोटे अनाज, दूध, गेहूं, चावल तथा फलों और सब्जियों के उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश होने के रूप में, भारत के पास मूल्य वर्धन के लिए संसाधनों का अद्वितीय आधार मौजूद है। हमारे मेहनतकश किसानों द्वारा सावधानीपूर्वक पोषित इस कृषि प्रचुरता ने नवाचार और उद्यमिता के दौर को जन्म दिया है, जिससे उन्नतिशील खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का उदय हुआ है।
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मेरी बहनों, प्रधानमंत्री जी का संकल्प है किसी बहन के आंखों में आंसू न रहें, हर एक चेहरे पर मुस्कुराहट आए, कोई मजबूर न रहे, इसलिए उन्होंने लखपति दीदी अभियान चलाया है । ऐसी दीदी जिनकी सालाना आय 1 लाख से अधिक हो ऐसी 1 करोड़ दीदी, लखपति बन चुकी है और विगत 100 दिन में 11 लाख दीदी लखपति बनी है । हमारी सरकार इस अभियान में तेजी से जुटी हुई है । विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में प्रधानमंत्री जी के इस अभियान से लगातार महिलायें जुड़ रही है और स्व सहायता समूह के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है । मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से जल्द ही 3 करोड़ दीदी लखपति दीदी बनेंगी। देश में महिलाएं आगे बढ़ें, समृद्ध और संपन्न बनें एवं प्रगति के नए आयाम स्थापित करें, इसके लिए विगत 10 वर्षों से महिला कल्याण के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने महिलाओं के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित किया है।
महिलाएं समाज और राष्ट्र की धुरी हैं। हमारे गौरवशाली और समृद्ध भविष्य का आधार हैं। हमारे वेदों और पुराणों में नारी के महत्व का उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति के बिना राष्ट्र की समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती है इसलिए प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति के समग्र विकास और संपूर्ण उत्थान को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है। ‘लखपति दीदी’ प्रधानमंत्री जी के इसी संकल्प का फल है।
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पेरिस ओलंपिक 2024 में टीम इंडिया की उपलब्धियां भारतीय दल के समग्र बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती हैं। 6 पदकों के अलावा, हमारे 8 एथलीट चौथे स्थान पर रहे और वे पोडियम फिनिश से बस थोड़े से अंतर से चूक गए। उनमें से पांच का यह पहला ओलंपिक प्रदर्शन रहा। 15 एथलीट अपनी प्रतिस्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे और यह भारत के लिए भी पहली बार ही हुआ।
पेरिस ओलंपिक में एक नए और उत्साही भारत का चेहरा दिखा। 117 सदस्यीय भारतीय दल में 28 खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) शामिल थे। भारत के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता अमन सेहरावत और पिस्टल शूटर पदक विजेता सरबजोत सिंह सहित 2700 से अधिक एथलीट खेलो इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं। ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 में कई पदक जीते हैं और वह 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के पहले संस्करण का भी हिस्सा थीं।
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कृषि विकास और किसान कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अन्न के माध्यम से हमारे जीवन संचालन के सूत्रधार अन्नदाता के जीवन में सुख-समृद्धि लाना हमारा संकल्प है। इस संकल्प की पूर्ति के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे। किसान की आय बढ़ाने के लिए हमने छह सूत्रीय रणनीति बनाई है। उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम दिलाना, प्राकृतिक आपदा में राहत की उचित राशि दिलाना, कृषि का विविधीकरण तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना इसके अहम पहलू हैं। उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के लिए सबसे जरूरी हैं अच्छे बीज, जो कम पानी और विपरीत मौसम में भी बेहतर उत्पादन में सक्षम हो सकें। ऐसे बीजों की 109 नई किस्मों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्र और किसानों को समर्पित किया है।